हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली 10 दिसम्बर 2022ः हिन्दुस्तान के साथ ईरान के देरीना,तारीखी, तहज़ीबी और सक़ाफती सम्बन्ध को फरोग देने में हमेशा सरगरम किरदार अदा करने वाले ईरान कल्चर हाऊस ने आज एक बार फिर मुन्फरिद पहल करते हुए आलमी मुआशरा को समाजी अमन व इरतिक़ा पर मब्नी बक़ाए बाहमी के रूमूज से आशना कराने की गरज़ से इस्लाम व हिन्दू इज़्म मुज़ाकरात अमन व इरतिक़ा में बक़ाए बाहमी का रोल के उन्वान से अन्तराष्ट्रीय कानफ्रेंस का आयोजन किया जिसमें हिन्दुस्तान और ईरान के माहिरीने अदयान ने इस्लाम व हिन्दू इज़्म के मुश्तरका रूहानी पहलुओं पर सैर हासिल गुफतगू की। ईरान कल्चर हाऊस नई दिल्ली अलीगढ़ इन्टर फेथ सेन्टर और रामा कृष्णा मिशन देहली के बाहमी इश्तिराक से आयोजित होने वाली अर्न्तराष्ट्रीय कान्फेंस में मुख्तलिफ मज़हबी रहनुमाओं ने जहां हिन्दुस्तान और ईरान की मुश्तरका तहज़ीब व सक़ाफत पर अपने खयालात और तजुरबों का इश्तिराक किया वहीं दो बड़ी कौमों के दरमियान बुनियादी यकसानियत की वज़ाहत करते हुए आने वाली नस्लों को अपने तारीखी वरसे की हिफाज़त के लिए मिल कर काम करने की तलक़ीन की।
अपनी नौइयत की इस मुन्फरिद कान्फ्रेंस में धर्मों को समझने और समझाने में यक़ीन रखने वालों की भीड़ उमड़ पडी। ईरान कल्चर हाऊस के कल्चरल कौंसलर डा॰ मोहम्मद अली रब्बानी अलीगढ़ इन्टरफेथ के डायरेक्टर मौलाना अली मोहम्मद नक़वी और रामा कृष्णा मिशन के सदर स्वामी शान्तात्मानन्द की अध्यक्षता में आयोजित कानफ्रेंस को दो हिस्सों में तक़सीम किया गया था ताकि हिन्दू और मुसलमान बुद्वजीवी और धर्मगुरू एक दूसरे के मज़हब पर खुल कर अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकें।
कान्फ्रेंस में आर॰एस॰एस॰ के राष्ट्रीय सदस्य इन्द्रेश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जबकि इस्लामी जम्हूरिया-ए-ईरान के सदर के सलाहकार डा॰ मोहम्मद अबुल कासिम दोलाबी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सलर प्रोफेसर तारिक़ महमूद श्री चेतान्या प्रेमासदन के डायरेक्टर श्रीवास्तव गोसवामी पोफेसर मज़हर आसिफ ( जे॰एन यू) एमपी राज्यसभा गुलाम अली खटाना इण्डिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के सदर सिराजुददीन कुरैशी, मौलाना कल्बे जवाद नक़वी, श्री हरि प्रसाद चेन्नई इस्कान के नायब सदर ब्रिजेन्द्र नन्दन दास, डा॰ जफर महमूद, क़ुम ईरान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर महसदुलवैरी, प्रोफसर अख्तरूल वासे, मोइनुददीन चिश्ती यूनिवर्सिटी लखनऊ के वाइस चान्सलर माहरूख मिर्जा देहली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राजेश रस्तीगी शामिल थे।
इस अवसर पर पवित्र हिन्दू ग्रन्थ सरमद भगवत गीता का इन्टरनेशनल नूर माइक्रो फिल्म सेन्टर ईरान कल्चर हाउस की ओर से विमोचन किया गया। किताब के फारसी भाषा में अनुवाद की प्रशंसा करते हुए प्रोफेसर अनुध्वन और प्रोफसर शरीफ हुसेन कासमी ने अपने विचारों को प्रकट किया। इसी बीच लगभग आधा दर्जन से अधिक पवित्र हिन्दू ग्रन्थों के प्राचीन फारसी नुस्खों का भी विमोचन किया गया। इसके अतिरिक्त इस्लामी इतिहास की मुर्दा किताबों को अपने प्रयासों के द्वारा ज़िन्दा करके उसका संरक्षण करने में व्यस्त नूर माइक्रोफिल्म सेन्टर ने प्राचीन किताबों की नुमाइश लगाई। जो सम्मिलत होने वालों को आकृषित करने का केन्द्र बिन्दु बनी रही। इस नुमाइश में हिन्दू धर्म के किताबों के वह प्राचीन और नायाब नुस्खों के फारसी अनुवाद भी प्रस्तुत किये गये जो बहुत कम नजर आते हैं।
नुमाइश में सनातन धर्म की पवित्र किताब भगवत गीता फारसी, रामायण उर्दू, महाभारत फारसी, विश्नूपुराण फारसी भगवतपुराण फारसी और दाराशिकोह के हाथ से लिखी मजमउलबहरैन (तीन जिल्द) का फारसी तर्जुमा जैसी नायाब किताबें मौजूद थी जिन्हें नूर माइक्रो फिल्म सेन्टर ने डिजिटल करने के साथ फारसी में अनुवाद करके मूल किताब के रूप में ज्ञानप्रेमियों के हाथों तक पहुंचाया इस नुमाइश को देखने के लिए बुद्वजीवी , धर्म गुरू एंव विद्याथर््ीा भारी संख्या में उपस्थित थे।
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/12/10/4/1648953.jpg?ts=1670680201000)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/12/10/4/1648949.jpg?ts=1670680186000)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/12/10/4/1648947.jpg?ts=1670680177000)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/12/10/4/1648950.jpg?ts=1670680190000)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/12/10/4/1648952.jpg?ts=1670680197000)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/12/10/4/1648948.jpg?ts=1670680182000)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/12/10/4/1648951.jpg?ts=1670680193000)